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Wednesday 26 November 2014

फर्गुसन की हिंसा में बर्बाद हुआ

 भारतीयों का कारोबार


दिल्ली। अमेरिका के फर्गुसन में सोमवार रात से जारी नस्लीय हिंसा में भले ही कोई भारतीय हताहत नहीं हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा आर्थिक चपत उन्हीं को लगी है। अगस्त में अश्वेत किशोर माइकल ब्राउन को कथित तौर पर श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा गोली मारे जाने के बाद सेंट लुईस और आसपास के इलाके में जो तनाव पैदा हुआ हुआ, उसने भारतीय मूल के खुदरा किराना और प्रसाधन कारोबारियों की कमर तोड़कर रख दी है। फर्गुसन में भारतीयों की आबादी भले ही आधा प्रतिशत से कम है, लेकिन डिपार्टमेंटल स्टोर और होटल कारोबार में वे सबसे ज्यादा कामयाब हैं।
सेंट लुईस एशियन इंडियन बिजनेस एसोसिएशन के अध्यक्ष और फर्गुसन के बड़े होटल कारोबारी अनिल जी गोपाल के मुताबिक पिछले तीन महीने में सबसे ज्यादा नुकसान तो भारतीयों को हुआ है।
यहां ज्यादातर होटल के काउंटर और खुदरा प्रसाधन सामग्री के शोरूम में आपको कोई न कोई पटेल (भारतीय काउंटर ब्वाय का प्रचलित नाम) खड़ा दिख जाएगा। लेकिन, ब्राउन को गोली मारने की घटना और फिर सोमवार को फैसले के बाद जिस तरह हिंसा फैली है, उसके बाद दुकान खोलना तो दूर, संपत्ति बचाने की चुनौती है। नॉर्थ अमेरिकन पंजाबी एसोसिएशन (नापा) ने ओबामा प्रशासन से गुहार लगाई है कि फर्गुसन के साथ ही न्यूयार्क और लास एंजिल्स समेत जहां अश्वेतों ने प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं, वहां भारतीयों की जान-माल की रक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।

एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसा

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