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Monday 18 November 2019

दो दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन


जौनपुर । राजा हरपाल सिंह महाविद्यालय सिंगरामऊ जौनपुर में आयोजित योग प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन  रविवार को प्रातः 9 बजे महाविद्यालय के प्रबंधक द्वारा कराया गया ।
जिसमे योग प्रशिक्षक राज यादव जिला महाविद्यालय प्रभारी युवा भारत पतंजलि जौनपुर ने बी टी सी विभाग में  अध्यतरत्न छात्र छात्रओं को  सूर्य नमस्कार वृक्षासन ताड़ासन त्रिकोणासन उष्ट्रासन चक्रासन हलासन मंडूकासन शशकासन गोमुखासन  वक्रासन वज्रासन भस्त्रिका प्राणायाम कपालभाति प्राणायाम बाह्य  प्राणायाम अनुलोम विलोम प्राणायाम जैसे समस्त आसनों एवम प्राणायामो का क्रियात्मक अभ्यास कराते हुए उनसे होने वाले लाभों के बारे में बताया एवम   अष्टांग  योग पर प्रकाश डाला तथा कहा कि यदि स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीना है तो प्रतिदिन अपने दैनिक दिनचर्या में योग को शामिल करें औऱ तमाम प्रकार की बीमारियों से बचें।
योग शिविर का समापन सोमवार को सांय 5 बजे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नरेंद्र कुमार सिंह जी द्वारा किया गया जिसमें  सभी शिक्षकगण व् प्रशिक्षु उपस्थित रहे और सभी प्रशिक्षुओं के उज़्ज़वल भविष्य की कामना करते हुए प्राचार्य जी ने सभी को धन्यवाद दिया।

भाषा न दुरूह होती है और न सरल; वह समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समभाव से सेवामाध्यम (Service Tools) के रूप में प्रयुक्त होती है



मनुष्य अपनी भाषा की हदें तोड़ता है। अपनी सीमाओं को अतिक्रमित करता दिखता है। वह अपनी भाषा में वैज्ञानिकता के नए सन्दर्भ एवं प्रमाण जोड़ता है। क्लोद लेवी स्ट्राॅस की दृष्टि भाषा की मौजूदा वस्तुस्थिति पर है। भेड़चाल के उलट वह जड़ परिपाटी से खुद को अलगाते हुए कहते हैं-‘‘समाज या संस्कृति को भाषा में तब्दील किए बगैर हम इस कोपरनिकस जैसी वैचारिक क्रान्ति की शुरुआत नहीं कर सकते हैं जो पूरे समाज को सम्प्रेषण के सिद्धान्त की अभिव्यक्ति के रूप में देखता है।’

कई बार हम भाषा की बोधगम्यता, दुरूहता और उसकी सम्प्रेषणीयता को लेकर हाय-तौबा मचाते हैं जबकि कोई भाषा न दुरूह होती है और न सरल; वह समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए समभाव से सेवामाध्यम (Service Tools) के रूप में प्रयुक्त होती है। वह जाति, वर्ग, समुदाय, सम्प्रदाय इत्यादि के छिछले विभाजन से ऊपर की चेतना को संकेतित करती है। किसी भी भाषा की बोधगम्यता सम्बद्ध विषय एवं पाठक या श्रोता की शिक्षा, रुचि तथा संस्कार पर निर्भर करती है। जो भाषा एक सुसंस्कृत एवं सुशिक्षित व्यक्ति के लिए बोधगम्य है, वही असंस्कृत और अशिक्षित व्यक्ति के लिए दुरूह हो सकती है।

संवादधर्मी चिन्तन के विस्तृत फ़लक एवं बहुआयामी दृष्टिकोण को आधारभूत लक्ष्य मानते हुए देखें तो रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव की बात उपयुक्त जान पड़ती है,- ‘भाषा, भाषा-प्रयोक्ता की सोच, उसके सामाजिक सम्बन्धों तथा उसके सामाजिक परिवेश को उद्घाटित करने में एक अहम भूमिका निभाती है। भारत जैसे बहुभाषिक और बहुसांस्कृतिक राष्ट्र के सन्दर्भ में तो भाषा का समाज संदर्भित अध्ययन और भी सार्थक सिद्ध होता है। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर हिंदी भाषा-समुदाय, उसकी अधीनस्थ बोलियाँ, उसकी साहित्यिक शैलियाँ तथा उसके प्रयोजनमूलक विकल्पों के समूह हिंदी भाषा के समाज संदर्भित अध्ययन को प्रचुर सामग्री उपलब्ध कराते हैं।’

एक जरूरी बात यह कि हम हमेशा जीवंत संवाद, साहचर्य और आत्मीय बर्ताव जाहिर करने के लिए एक-दूसरे को कोचें, हिलाएँ-डुलाएँ, गतिमान बनाएँ; क्योंकि जड़, स्थिर, निष्प्रभ, निष्क्रिय हो जाना मानुष स्वभाव हरग़िज नहीं है। ऐसे में भारतीय भाषा-दर्शन सहित कार्ल माक्र्स की द्वंद्वात्मक-चिन्तन पद्धति हमारे लिए सहज पाथेय है जो यह मानती है कि ‘संसार का विकासक्रम वाद(थीसिस), प्रतिवाद(एंटी थीसिस) एवं संवाद(सिंथीसिस) के त्रैत से सर्वदा ऊध्र्वगामी होता है।’


(‘संचार की संस्कृति’ विषय पर प्रो. अवधेश नारायण मिश्र से राजीव रंजन प्रसाद की बातचीत पर आधारित)

जौनपुर-दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता जितेंद्र यादव हत्याकांड के सात आरोपी दोषी करार

अधिवक्ता जितेंद्र  हत्याकांड में  सात आरोपी दोषी करार

गड़ासी व कुल्हाड़ी से मारकर हत्या करने का पट्टीदारों पर आरोप

आरोपियों की गिरफ्तारी तक अधिवक्ताओं ने जारी रखी थी हड़ताल,बसों से गए थे मृतक के गांव
जौनपुर-दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता जितेंद्र यादव निवासी समधीपुर,शाहगंज की नृशंस हत्या के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी द्वितीय  ने 7 आरोपियों को दोषी करार ठहराया है| दंड के प्रश्न पर सुनवाई बुधवार को होगी|

घटना की एफआइआर मृतक के भाई धीरेंद्र ने दर्ज कराया था कि 27 सितंबर 2015 को 9:00 बजे दिन मुकदमेबाजी की रंजिश को लेकर पट्टीदार ओमप्रकाश, शिवप्रकाश,जयप्रकाश, सुभाष,संजय,विजयबहादुर, करिश्मा,प्रतिभा,शिवांगी एक राय होकर गड़ासी,कुल्हाड़ी, लाठी-डंडे से लैस होकर जितेंद्र उसकी पत्नी व उसकी बहन पर जानलेवा हमला कर प्राणघातक चोटें पहुंचाया जिसमें जितेंद्र की मौके पर मौत हो गई और उसकी बहन की उंगलियां काट कर अलग हो गई।आरोपित  प्रतिभा व शिवांगी के अवयस्क होने के कारण पत्रावली अलग कर दी गई थी| इस जघन्य हत्याकांड से अधिवक्ता समुदाय आक्रोशित हो उठा था। अधिवक्ताओं ने आरोपियों की गिरफ्तारी तक लगातार कई दिनों तक हड़ताल जारी रखा था तथा कई बसों से काफी संख्या में अधिवक्ता मृतक के गांव पहुंचे थे।

शीतला चौकिया में लीवर से पीड़ित बच्ची की मृत्यु से पूरे क्षेत्र में शोक

*शीतला चौकिया में लीवर से पीड़ित बच्ची की मृत्यु से पूरे क्षेत्र में शोक
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जौनपुर में,

शीतला चौकिया धाम में कल दिनांक 17/11/2019 की रात को आंचल साहू पुत्री स्वर्गीय महेंद्र साहू कि अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण मृत्यु हो गई
सूत्रों द्वारा ज्ञात हुए की
आंचल साहू आरके साहू बालिका इंटर कॉलेज में 11वीं की बहुत ही होनहार छात्रा थी अपने हुनर से कई मेडल भी प्राप्त कर चुकी थी कुछ महीनों से लीवर की समस्या से पीड़ित थी विगत 3 महीनों से बीएस उपाध्याय के यहां इलाज चल रहा था ,
कल रात को अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण मृत्यु हो गई इस घटना की सूचना पर परिवार और क्षेत्रवासी शोकाकुल हो गए ।
आशीष साहू ,लल्ला साहू ,आनंद साहू ,अवधेश प्रजापति, अन्नू प्रजापति ,मोहित जायसवाल अधिवक्ता ,फरदीन अली ,उमेश प्रजापति ,राजू यादव ,विशाल यादव ,रोहित यादव ,अकाश यादव , उत्कर्ष श्रीवास्तव,अन्य क्षेत्रीय लोगों ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया ।