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Wednesday 23 January 2019

युवा पत्रकार अज़ीम सिद्दीकी को क्रांतिकारी पत्रकार परिषद के तहसील अध्यक्ष बनाये जाने पर शुभकामनायें : सुरेश कुमार


खेतासराय(जौनपुर) । स्थानीय क्षेत्र स्थित गांव पाराकमाल निवासी युवा तेज़-तर्रार पत्रकार अज़ीम सिद्दीकी के निष्ठा व कर्तव्यों के प्रति सच्ची लगन को देखते हुए क्रांतिकारी पत्रकार परिषद शाहगंज तहसील के अध्यक्ष नियुक्त किया गया। जिससे शुभ-चिंतको में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। तथा बधाई एंव शुभकामनाएं देने वालो का तांता लगा रहा। सोशल मीडिया पर भी शुभकामनाएं व बधाइयां की भीड़ उमड़ी रही। किसी शायर ने ठीक कहा कि जो जख्म काटों से खाकर भी उफ न करता, रिवज़ा के दौर में भी वो गुलाब देखेगा...! इनके बारे में कहना जरा सा भी अतिशयोक्ति नही होगा। लगातार 10 वर्ष से पत्रकारिता के क्षेत्र सहित समाज सेवा से अच्छी छवि किले की तरह खड़ी किये है। कितनी भी विषम परिस्थियां रही लेकिन अपने अनुभवों व ज्ञान के माध्यम से मनुष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलने एंव मानवीय मूल्यों की स्थापना के प्रति समर्पित व मेरे मन के जिज्ञासा को हमेशा उद्घाटन और एक अच्छी सोच आकृति हृदय-पटल पर अंकित करने वाले बड़े भैया अज़ीम सिद्दीकी को क्रांतिकारी पत्रककर परिषद संघ के तहसील अध्यक्ष नियुक्त किये जाने पर ढेर सारी बधाइ देता हूँ । 
सुरेश कुमार (पत्रकार)

वाराणसी । बीएचयू अस्पताल से अलग एम्स को लेकर आमरण अनशन का आज चौथा दिन



बीएचयू अस्पताल से अलग एम्स सहित आठ सूत्रीय मांगों  को लेकर आमरण अनशन पर बैठे वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ ओम शंकर का आज चिकित्सकीय टीम द्वारा स्वास्थ परीक्षण किया गया । पिछले चार दिन से अनशन पर बैठने के कारण पाँच किलो वजन कम हो गया है ।
लंका बीएचयू गेट पर अलग एम्स की मांग को लेकर डॉ ओमशंकर का अनशन आज चौथे दिन भी जारी रहा । राजनैतिक और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ बनारस की जनता भी इस मांग का समर्थन रही है । बनारस में बीएचयू से अलग एम्स पर अपना तर्क देते हुए डॉ ओमशंकर ने कहा कि पूरे प्रदेश के कुछ महानगरों को छोड़ दिया जाए तो काशी में आने वाले मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है जो  यहां रोज लगने वाले भीषण जाम बल्कि उससे जनित प्रदूषण की मुख्य वजह है । कई मरीज तो यहां अस्पताल पहुंचने से पहले इस जाम में फंसकर दम तोड़ देते हैं । जब गोरखपुर जैसे छोटे शहरों में मेडिकल कालेज जापानी बुखार इलाज के लिए अलग से केंद्र होने के बाद एम्स बनवाए जा सकते हैं पटना में तीन सरकारी अस्पतालों के पहले से होने के बावजूद एम्स बनवाए जा सकते हैं तो फिर वर्तमान प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र तथा चिकित्सा जगत की जननी काशी को जाम तथा प्रदूषण से मुक्ति और करोड़ों लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अलग से एम्स क्यों नहीं बनाया जा सकता । आगे उन्होंने कहा सरकारी धन का दुरुपयोग जितना कुम्भ और प्रवासियों के आवभगत पर किया जा रहा है उतने में बनारस सहित पूरे उत्तर प्रदेश में छः एम्स की स्थापना की जा सकती है ।

इन माँगो को लेकर हैं कर रहे हैं अनशन

1 - काशी में बीएचयू से अलग हो संपूर्ण एम्स की स्थापना ।
2 - उत्तर प्रदेश में अपने वादे के  मुताबिक गेम्स और 24 स्पेशियलिटी सेंटरों की जल्द से जल्द स्थापना करे सरकार ।
3 - स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार मानते हुए हर छह करोड़ की जनसंख्या पर एक एम्स पूरे देश में 2030 तक बनवाने की स्वास्थ्य नीति को स्वीकृत करें ।
4 - केंद्र तथा राज्यों के कुल बजट का 10 परसेंट हिस्सा स्वास्थ्य बजट के तौर पर आवंटन को स्वीकृत करें ।
5 - स्वास्थ्य बजट के 10 परसेंट हिस्से को 3.5% प्राइमरी स्वास्थ्य सेवाओं, 1.5 हिस्सा सेकेंडरी स्वास्थ्य सेवाओं तथा 5% टर्सयरी स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करने की नीति को स्वीकृत करें ।
6 - समान स्वास्थ्य के अधिकार की राष्ट्रीय नीति को स्वीकृत करें
7 - वर्तमान के सभी मेडिकल कॉलेजों को एम्स की तर्ज पर विकसित करने की राष्ट्रीय नीति को स्वीकृत करें ।
8 - आयुष्मान भारत योजना के बदले सरकारी संस्थानों में सभी वर्ग के लोगों के लिए मुफ्त जांच तथा उपचार की नीति को अपनाएं ।