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Sunday 16 November 2014

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नाराज हो गए पुतिन,

जी- 20 से बीच में ही जा सकते हैं


ब्रिस्बेन । वैश्विक आर्थिक ताकतों का समूह जी-20 का सम्मेलन राजनीति का शिकार हो गया है। दुनिया के आर्थिक मसलों पर विचार की जगह अमेरिका और पश्चिमी देशों ने शनिवार को यूक्रेन संकट का विवादित मुद्दा छेड़ दिया। पश्चिमी नेताओं ने इस संकट के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराते हुए नए प्रतिबंधों की धमकी दे दी। इससे नाराज रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सम्मेलन से जल्द लौट सकते हैं। रूस लगातार उन आरोपों से इन्कार करता रहा है, जिनमें यूक्रेन में विद्रोह भड़काने के लिए उसे जिम्मेदार ठहराया गया है। रूसी प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने यह कहकर सनसनी फैला दी कि पश्चिमी देशों की इस हरकत से पुतिन नाराज हैं। वह ब्रिस्बेन से वापस जाना चाहते हैं। वह रविवार को मॉस्को के लिए निकल सकते हैं। यह विवाद कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर के उस भड़काऊ बयान से पैदा हुआ, जिसमें उन्होंने पुतिन से कहा, मैं आपसे हाथ मिलाना चाहता हूं। मगर मैं केवल एक बात कहना चाहता हूं कि आप यूक्रेन से बाहर निकलें।

एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसा

पहले रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी दी,

अब डॉक्टर से मांगी रंगदारी

अंबेडकरनगर। जिस मोबाइल नंबर से अकबरपुर रेलवे स्टेशन को उड़ाने का मैसेज पुलिस को मिला था, उसी नंबर से अब डॉक्टर से रंगदारी मांगी गई। जिला अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. विजय तिवारी के मोबाइल फोन पर  रात आठ बजे मैसेज कर पांच लाख रुपये मांगे गए। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई।
 मैसेज जे खान नाम से भेजा गया था। पुलिस ने केस दर्ज कर मोबाइल नंबर के धारक को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। गौरतलब है कि इसी मोबाइल नंबर से शुक्रवार देर शाम सीओ सिटी इंदु सिद्धार्थ के सीयूजी मोबाइल पर मैसेज भेजकर धमकी दी गई थी कि रात आठ बजे अकबरपुर रेलवे स्टेशन को बम से उड़ा दिया जाएगा। तब सीओ सिटी भारी पुलिस बल के साथ स्टेशन पहुंचे और छानबीन की, लेकिन कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली।
डॉ. तिवारी ने शुक्रवार रात 8:11 बजे आए इस धमकी भरे मैसेज की जानकारी अपने वरिष्ठ अफसरों को दी। इसके बाद अकबरपुर कोतवाली में तहरीर दी गई। पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया।

एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसा

पाक की नापाक साजिश

चुनाव से पहले घाटी को सुलगाने की साजिश, पाक भेज रहा हथियार

नई दिल्ली। जम्मू--कश्मीर में विधान सभा चुनावों से पहले आतंकवाद की आंच बढ़ाने की कोशिश तेज हुई हैं। घाटी को सुलगाने के लिए हाल के दिनों में सीमापार पाकिस्तान से राज्य में गोला-बारूद की आमद बढ़ गई है। इतना ही नहीं बीते दिनों सूबे के विभिन्न हिस्सों में आतंकी घटनाओं के साथ ही हथियारों व गोला-बारूद के जखीरों की बरामदगी का ग्राफ तेजी से बढ़़ा है। घाटी में बीते पांच महीने में आतंकी ठिकानों से गोला-बारूद बरामदगी की करीब एक दर्जन घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं। साथ ही आइईडी धमाकों का आंकड़़ा भी आधा दर्जन के पार पहुंच चुका है।


एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसा

वितरण में होगा बदलाव

ग्रामीण क्षेत्रों में फर्मो को मिलेगा प्रोत्साहन

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पेट्रोलियम क्षेत्र में बड़े बदलावों का बिगुल फूंक दिया है। डीजल कीमत पर नियंत्रण हटाने और घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस कीमत तय करने के बाद सरकार अब पेट्रोलियम उत्पादों के वितरण नेटवर्क में कुछ अहम बदलाव करने जा रही है। 

सरकारी तेल कंपनियों को बड़े-बड़े आलीशान पेट्रोल पंपों के स्थान पर छोटे पेट्रोल पंप खोलने की अनुमति मिलेगी। निजी व सरकारी कंपनियों को ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।पेट्रोल पंपों के साथ ही रसोई गैस वितरण व्यवस्था को भी बदला जा रहा है। अब जबकि एक वर्ष के भीतर रसोई गैस एजेंसियों से सब्सिडी वाले सिलेंडरों की बिक्री बंद होने वाली है, एलपीजी वितरण एजेंसियों की मौजूदा व्यवस्था को बदलने की जरूरत सभी महसूस कर रहे हैं।

इसके तहत तेल कंपनियों को किराना दुकानदारों या अन्य बड़े बिक्री केंद्रों के जरिये एलपीजी सिलेंडर बेचने की अनुमति हाल ही में दी गई है। देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने किराना दुकानों के जरिये पांच किलो के एलपीजी सिलेंडर बेचने की रणनीति बना ली है। हंिदूुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम की तरफ से भी जल्द घोषणा होने के आसार हैं। यही नहीं बाजार में अब निजी क्षेत्र की गैस एजेंसियां भी तेजी से दिखाई देंगी।


एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसा

केंद्र सरकार ने लौटाया रिफ्यूजियों का पैकेज

पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों का मुद्दा

भी शामिल करने को कहा


जम्मू। केंद्र सरकार ने रिफ्यूजियों का एकमुश्त पैकेज लौटा दिया है। रियासत कैबिनेट ने भारी विवाद के बाद एक माह पहले ही पैकेज का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा था। केंद्र सरकार ने इसे लौटाते हुए कहा है कि इसमें पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को नागरिकता का प्रस्ताव भी शामिल किया जाना चाहिए। पैकेज की वापसी के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति बना रही है। पैकेज प्रस्ताव एक बार फिर रियासत के राजस्व विभाग के पास आ गया है। चुनाव के कारण इस पर तत्काल निर्णय संभव नहीं है। नतीजतन मामला फिर से ठंडे बस्ते में डाले जाने की आशंका बढ़ गई है। राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने शर्तों के साथ पैकेज प्रस्ताव लौटाया है। कश्मीर के सियासी दल रिफ्यूजियों को पैकेज देने का विरोध करते रहे हैं। कैबिनेट में यह मुद्दा लंबे समय से लटका था।
जुलाई में कांग्रेस के मंत्रियों उपमुख्यमंत्री ताराचंद, पीएचई मंत्री शाम लाल शर्मा, बागवानी मंत्री रमन भल्ला और सहकारिता मंत्री मनोहर लाल शर्मा ने इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक का बहिष्कार किया था। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस मंत्रियों को केंद्र के पास प्रस्ताव भेजने का भरोसा दिया था। अक्टूबर में कैबिनेट में नेशनल कांफ्रेंस के मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीएचई मंत्री शाम लाल शर्मा में इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई थी। बाद में कैबिनेट ने इसे पारित कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया था।
पीओके और छंब के रिफ्यूजियों के लिए वित्तीय पैकेज में 9096 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके तहत 36 हजार 384 रिफ्यूजियों को प्रति परिवार 25 लाख रुपये के हिसाब से मुआवजा दिया जाना है। नेशनल कांफ्रेंस के मंत्री सागर ने कहा कि रिपोर्ट के अन्य मामलों को छोड़कर उनमें से सिर्फ एक पर निर्णय नहीं लिया जा सकता है। पीएचई मंत्री शाम लाल का कहना है कि पैकेज के तहत पीओके और छंब के 1965 और 1971 के रिफ्यूजियों को मुआवजा दिया जाना है। केंद्र सरकार ने इसे लटका कर रिफ्यूजियों के हितों के साथ खिलवाड़ किया है। पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को नागरिकता केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है इसलिए बहाना बनाकर प्रस्ताव लौटाना उचित नहीं है। दूसरी ओर रियासत भाजपा के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार सभी तरह के रिफ्यूजियों को पैकेज और अधिकार देने पर गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे में रिफ्यूजियों को पैकेज और कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास सबसे ऊपर है।

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