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Wednesday 24 December 2014

गौराबादशाहपुर के बैंको से ऋण लेना है टेढ़ी खीर

गौराबादशाहपुर। गौराबादशाहपुर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणो व किसानो के लिये आजकल गौराबादशाहपुर में कार्यरत बैंको से लोन लेना काफ ी टेढ़ा काम हो गया है। क्योंकि कमीशन के चक्कर में बैंक के आस पास कार्यरत दलालो ने इन बैंको पर अघोषित रूप से कब्जा कर रखा है और बगैर इनकी सहमति के इन बैंको से लोन लेना असम्भव है।
गौराबादशाहपुर में इस समय तीन बैंक यूनियन बैक ऑफ इण्डिया, स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया और काशी गोमती सम्युत ग्रामीण बैंक की शाखायें कार्यरत है। जहाँ एक तरफ सरकार किसानों की खुशहाली के लिये व उन्हे साहूकारो के चंगुल से बचाने के लिये केसीसी योजना संचालित कर रही है जिससे किसान बैंक से सस्ते ब्याज दर पर लोन लेकर जुताई बुवाई कर सके वही दूसरी तरफ इन बैंको के टाल मटोल वाले रवैये की वजह से आज की तारीख में इन बैंक से लोन लेना काफी टेढ़ा काम हो गया है। औपचारिकता के नाम पर यहाँ किसानो को बार-बार दौड़ाया जा रहा है। जिसका परिणाम यह हो रहा है कि बेचारा किसान बैंक के चक्कर काटते-काटते थक हार कर बैठ जाता है अथवा उसे बैंक को आस पास पाये जाने वाले दलालो की शरण लेनी पड़ती है जो कि बैंक अधिकारियो की मिली भगत से कमीशन पर चुटकियों में लोन पास करवा देते है।
 कुल मिलाकर गौराबादशाहपुर में लोन के चक्कर में जहाँ एक तरफ किसानो को आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है वही दलालो तथा बैंक अधिकारियों की चाँदी कट रही है। बैंको की इस रवैये से क्षेत्र के किसानो में निराशा व रोष व्याप्त है।

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