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Sunday 7 December 2014

बैठक में 3 राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं हुये शामिल

नई दिल्ली। 1950 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा गठित योजना आयोग को नया स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अपने आवास पर बैठक कर रहे हैं। हालांकि इसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला हिस्सा नहीं ले रहे हैं।
पहले सेशन में मुख्यमंत्रियों की अधिकारियों के साथ बैठक खत्म हो गई। अब दूसरे सेशन में पीएम के साथ बैठक होगी। इसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल होंगे।
अरुण जेटली ने शनिवार को योजना आयोग के पुनर्गठन पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि इससे राज्यों की हैसियत में इजाफा होगा। जेटली का कहना है कि राज्यों का सशक्तिकरण हमारी प्रमुख मान्यताओं में से एक है।
    वह उम्मीद करते हैं कि रविवार को जो भी फैसला लिया जाएगा वह राज्यों को अधिक ताकत और हैसियत देगा। इस बीच, पीएम मोदी ने कहा कि जो मुख्यमंत्री इस बैठक में भाग नहीं ले रहे हैं इससे उनके राज्यों को ही नुकसान होगा। फिलहाल नए निकाय पर योजना सचिव सिंधुश्री खुल्लर काम कर रहे हैं। नए संस्थान की कार्यप्रणाली और उसके स्वरूप पर उन्होंने प्रेजेंटेशन बनाया है।
इसी प्रेजेंटेशन को मुख्यमंत्रियों को प्रधानमंत्री के साथ बैठक में दिखाया जाएगा। फिर सभी मुख्यमंत्रियों से राय मांगी जाएगी। विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों, आयोग के पूर्व सदस्यों, आयोग के पूर्व अधिकारियों की सलाह से बनाए गए इस प्रेजेंटेशन के विभिन्न पहलुओं पर मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री विचार-विमर्श करेंगे। नए संस्थान के तहत प्रधानमंत्री पदेन अध्यक्ष होंगे तथा इसमें 10 नियमित सदस्य, पांच राज्यों के प्रतिनिधि और पांच अलग विषयों के विशषज्ञों को शामिल किए जाने का प्रस्ताव है। ये सं स्था सरकारी विभाग के कामकाज की निगरानी करेगी और उसके लिए कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर आवंटन का प्रस्ताव करेगी।

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