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Tuesday 13 October 2015

सवालों का जवाब देगी कसूरी की किताब ?


देश विभाजन के उन सवाल का जवाब, जिसे जानना चाहता है हर एक हिन्दुस्तानी

नई दिल्ली। शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की पुस्तक का विमोचन समारोह आयोजित करने विरोध में सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर काली स्याही मल दी। आइये हम आपको बताते हैं आखिर इस किताब है ऐसा क्या है....
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की लिखी किताब 'नाइदर ए हॉक, नॉर ए डव : एन इनसाइडर्स एकाउंट्स ऑफ पाकिस्तान फॉरेन पॉलिसी' में कबाइली इलाकों में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए मदरसों के फलने-फूलने का जिक्र है। कसूरी ने अपनी किताब में सामाजिक क्षेत्र खासकर शिक्षा में पाकिस्तान सरकार को विफल करार दिया। कसूरी ने अपनी किताब में बताया है कि पाकिस्तान कट्टरवाद की बड़ी कीमत चुका रहा है। यह भी दावा किया गया है कि आतंकवाद में लिप्त रहे लोगों का पाकिस्तान पुर्नवास करा रहा है।
क्या भारत ने सात साल पहले ही पाकिस्तान में घुसकर लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर को तबाह करने की तैयारी कर ली थी। अगर हां तो फिर वो योजना पूरी क्यों नहीं हुई? पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी ने इस मामले में भी बड़ा खुलासा किया है। कसूरी की किताब में 26/11 के हमले का बदला लेने की सबसे बड़ी तैयारी का पूरा ब्यौरा भी दिया गया है। कसूरी ने अपनी इस किताब में भारत के हर नागरिक के लिए सबसे अहम सवाल का जवाब दिया है कि क्या वाकई भारत ने लश्कर से मुंबई हमले का बदला लेने की कोई ठोस योजना कभी नहीं बनाई? किताब में इस सवाल का जवाब दिया गया है कि योजना भी बनी थी और पाकिस्तान डर से कांप भी उठा था।
किताब में साल 2008 के दिसंबर महीने की एक मुलाकात का जिक्र है। कसूरी लिखते हैं कि वो तब विदेश मंत्री पद से मुक्त हो चुके थे, उन्हें एक अमेरिकी डिप्लोमेट का फोन आया कि कुछ लोग अमेरिका से आ रहे हैं और वो उनसे मुलाकात करना चाहते हैं। पहले थोड़ी देर के लिए बातचीत होगी और फिर वो दोपहर का खाना साथ खाएंगे। कसूरी के मुताबिक जिस अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ दोपहर के खाने पर उनकी मुलाकात हो रही थी वो बेहद ताकतवर लोगों का समूह था और उन्हें तभी लग गया था कि कुछ बेहद संवेदनशील है जिसके बारे में वो उनसे बात करने आ रहे हैं। दरअसल उस मुलाकात में अमेरिका के सांसद जॉन मेक्कन, सांसद लिंडसे ग्राहम और अफगानिस्तान-पाकिस्तान में ओबामा की सेलेक्ट कमेटी के सदस्य रिचर्ड हॉलब्रूक शामिल हुए थे। 

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