विज्ञापन 1

विज्ञापन 1
1 विज्ञापन

Tuesday 20 October 2015

माँ के दर्शन कर प्रफुल्लुत हुए भक्त

  • भजन-कीर्तन से मां का गुणगान
  • माई का दर्शन-पूजन करने को सप्तमी पर मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा।
  • मां के दिव्य स्वरूप का भक्तों ने दर्शन-पूजन कर यथासंभव दान-पुण्य किया। व्रती महिलाओं ने भजन-कीर्तन कर मां से आशीष मांगा। 


जौनपुर। नर-नारी, बच्चे व बुजुर्ग, सबमें मां की झलक पाने की ललक। कोई हाथ जोड़कर आंखें बंद करके मन ही मन मां का स्मरण कर रहा है तो कोई शेरोंवाली का जयकारा लगाकर भक्तिभाव प्रकट कर रहा है। सबका लक्ष्य मां का दर्शन कर उनका आशीष पाना है। हर कोई मां के दिव्य स्वरूप को स्वयं में समाहित करने को व्याकुल है। यह दृश्य है देवी मंदिरों का। महाशक्ति पीठ ,चौकिया धाम, महैर मंदिर सहित हर देवी मंदिर में नवरात्र की सप्तमी पर मंगलवार को भक्तों का सैलाब उमड़ा।
मां को चढ़ाया चुनरी, नारियल -
सप्तम कालरात्रि नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि की आराधना हुई। भगवान शंकर की शक्ति के रूप में वह कभी रुद्राणी बनकर भक्तों का कल्याण करती हैं, तो कभी चंडिका बनकर चंड-मुंड का संहार करती हैं। वह रक्तदंतिका बनकर रक्तबीज का वध करती हैं। देवासुर संग्राम में दैत्यों का सर्वनाश करती हैं। काली जी और शंकर जी का स्वभाव एक-सा ही है। एक बार गौरवर्णा देवी को शंकर जी ने काली कह दिया, तब से काली नाम से वह लोकप्रसिद्ध हो गईं। वह महामाया के साथ पूजी जाएं तो फल दुगुना हो जाता है।

No comments:

Post a Comment