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Sunday 30 November 2014

तीन मासूमों के साथ मां कुंए में कूदी


सिकरारा। कहते है मां अपने बच्चों के लिए कोमल हृदय रखती है। लेकिन साथ ही यह भी माना जाता है कि क्रोध के समय नारी किसी भी सीमा तक जा सक ती है। रविवार  की सुबह सिकरारा थानान्र्तगत सेऊरा गांव में घटी घटना ने नारी के इन दो चरित्रों के द्वंद में क्रोध के समय किसी भी सीमा पार करने वाले चरित्र को एक बार पुन: प्रमाणित कर दिया।

जानकारी के अनुसार पूजा का पति कमलेश मुम्बई मेंं रहकर जीविकोपार्जन करता है। घर पर उसके ससुर मूलचन्द्र, सास फुलरा देवी अपने तीन बच्चों सुप्रिया छ: साल, गांगुली चार  साल और सुमन छ: माह के साथ रहते थे। रविवार की सुबह सास फुलरा देव व ससुर मूलचन्द्र खेतो के लिए निकल गये। उस समय पूजा ने यह आत्मघाती कदम उठाया।  अनुमान लगाया जा रहा है कि सोते हुए बच्चोंं को  उसने चादर में बांधकर पहले कुंए में फेंं क दिया और फिर स्वयं भी कुंए में कूद गयी।  शोकसंतृप्त परिवार इस हृदयविदारक घटना के संदर्भ में कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं है लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि किसी पारिवारिक कलह की वजह से उसने अपने बच्चों समेत आत्महत्या की कोशिश की। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष सिकरारा ने जाकर मामले की तहकीकात की और तीनों मासूमों की लाश को कब्जे में लेकर पीएम के लिये भेज दिया।
इतना ही नहीं  मां की ममता भी इस चरित्र पर हावी न हो सकी। रविवार की सुबह  उक्त गांव निवासी कमलेश पाल की पत्नी पूजा 30 साल ने पारिवारिक विवाद से क्षुब्ध होकर अपने तीन मासूमों को एक ही कपड़े में बांधकर घर के पास बने कुंए में डाल दिया और खुद भी कूद गयी। इस घटना की जानकारी जब ग्रामीणों को मिली तो उन्होंने कुंए से मां और बच्चों को बाहर निकाला और आनन फानन में उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सिकरारा भेजवाया जहां चिकित्सकों ने तीनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया और हालत गंभीर देखकर पूजा को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मछलीशहर भेजवाया जहां उसकी हालत चिन्ताजनक बनी हुयी है।

एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसा

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