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Sunday 30 November 2014

फिल्मों में पुलिस की नकारात्मक छवि को लेकर उठाए सवाल, कहा यह ठीक नहीं

पुलिस के लिए पीएम मोदी का स्मार्ट मंत्र

गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोत्तर राज्यों के दौरे का आज दूसरा दिन है। इस दौरान उन्होंने असम की राजधानी गुवाहाटी में डीजीपी सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने सबसे पहले पुलिस सेवा में उत्कृष्ठ योगदान देने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया।
पुलिस महानिदेशकों और खुफिया विभागों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि शस्त्र भी हो, शस्त्रधारी भी हो, लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए उत्तम गुप्तचर व्यवस्था जरूरी है। किसी भी राष्ट्र की सुरक्षा उसके गुप्तचर तंत्र से होती है। अगर अच्छा गुप्तचर तंत्र हो तो शस्त्र की जरूरत नहीं होती।अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने पुलिस के विकास पर जोर दिया। पीएम ने कहा कि आजादी के बाद 33 हजार जवान शहीद हुए हैं। इन जवानों के बलिदान बेकार नहीं जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस वालों की जिंदगी सबसे तनावपूर्ण होती है। इसलिए पुलिस वेलफेयर के काम वैज्ञानिक तरीके से होनी चाहिए।
 शहीदों के सम्मान की व्यवस्था की बात कहते हुए पीएम ने सभी राज्यों से अपील की और कहा कि सभी राज्य शहीदों के सम्मान के लिए ईबुक निकालें।  पीएम मोदी ने कहा कि अधिकांश फिल्मों में पुलिस की छवि ठीक नहीं दिखाई जाती है, यह अच्छी बात नहीं, फिल्मकारों से इस बारे में बात की जानी चाहिए।
हर थाने की अपनी वेबसाइट होनी चाहिए, जिसमें उस इलाके में अपने द्वारा किए गए अच्छे कामों का जिक्र हो। उन्होंने कहा कि स्मार्ट पुलिस बेड़े का कॉन्सेप्ट मेरे दिमाग में है। स्मार्ट पुलिस के लिए हमें पांच बिंदुओं पर आगे बढऩा चाहिए। पीएम ने स्मार्ट पुलिस की व्याख्या करते हुए कहा कि एस का मतलब है एसट्रिक्ट और सेनस्टिविटी, एम- मोरल हो और मोबिलिटी भी हो, ए-अलर्ट हो, अकाउंटेबल भी हो, आर-रिलाएबल हो, रेस्पॉन्सिबल भी हो, टी-टेक सेवी हो और ट्रेंड भी हो।



एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसा


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