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Tuesday 11 November 2014

फर्जी चेक भुगतान की उघड़ रही हैं परतें

 

जौनपुुर। जालसाज ने एक नहीं बल्कि दो फर्जी चेकों के जरिए पंजाब नेशनल बैंक को 33.70 लाख रुपये का चूना लगाया था। दूसरे फर्जी चेक का मामला संज्ञान में आने के बावजूद बैंक प्रबंधन सार्वजनिक करने से कन्नी काटता रहा। जालसाजी के दूसरे मामले की एफआईआर लाइन बाजार थाने में दर्ज कराई गई है। दोनों फर्जी चेकों का क्लीयरेंस पंजाब नेेशनल बैंक की कसेरी बाजार स्थित मुख्य शाखा से एक ही दिन में किया
जालसाज का एक अन्य खाता एक्सिस बैंक की मियांपुर (सिविल लाइन रोड) शाखा में भी अखिलेश के नाम से ही खाता है। इस खाते में उसने आवास विकास परिषद लखनऊ द्वारा 17 लाख रुपये के भुगतान का पंजाब नेशनल बैंक का चेक जमा किया गया था। एक्सिस बैंक से भी यह चेक गत 30 अक्टूबर को ही क्लीयरेंस के लिए पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा को भेजा गया था। उसी दिन चेक का क्लीयरेंस कर दिया गया। आवास विकास परिषद लखनऊ के पंजाब नेशनल बैंक की इंदिरा नगर शाखा से उसी दिन यह भारी भरकम रकम अखिलेश के एक्सिस बैंक के खाते में ट्रांसफर कर दी गई। खाते से एक मुश्त इतनी बड़ी रकम निकलने पर आवास विकास परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई क्यों कि किसी अखिलेश नामक व्यक्ति को ऐसा कोई चेक काटा ही नहीं गया था। आवास विकास परिषद के जिम्मेदार अधिकारी ने इसकी लिखित शिकायत पंजाब नेशनल बैंक की इंदिरा नगर शाखा में की। बैंक प्रबंधक और कर्मचारियों के भी होश फाख्ता हो गए। गत पांच नवंबर को ईमेल से पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा के प्रबंधक हरि शंकर दत्ता को इसकी जानकारी दी गई। हरि शंकर दत्ता ने पुलिस अधीक्षक बबलू कुमार को पूरे प्रकरण की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर धोखाधड़ी के इस दूसरे मामले की एफआईआर लाइन बाजार थाना पुुलिस ने दर्ज कर ली। मालूम हो कि उक्त अखिलेश नामक व्यक्ति के ही आईडीबीआई सिविल लाइन शाखा में पंजाब नेशनल बैंक की ही एक चेक जमा की गई थी। अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग बाराबंकी द्वारा काटा गया यह चेक 16 लाख 70 हजार 582 रुपये का था। यह चेक भी पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा में 30 अक्टूबर को ही क्लीयरेंस के लिए आई थी। विभाग के पंजाब नेशनल बैंक बाराबंकी खाते से रकम ट्रांसफर हो जाने के बाद मामला संज्ञान में आया था। इस जालसाजी की एफआईआर शहर कोतवाली में शाखा प्रबंधक हरि शंकर दत्ता की ही तहरीर पर शनिवार को दर्ज की गई थी। दोनों थानों की पुलिस विवेचना में जुटी हुई है। इस जालसाजी में बैंक कर्मियों की भी मिलीभगत होने का अंदेशा जताया जा रहा है। दोनों फरजी चेकों का मामला एक साथ संज्ञान में आने के बावजूद शाखा प्रबंधक ने रविवार को बातचीत के दौरान सिर्फ ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के ही फर्जी चेक के मामले की जानकारी दी थी। दूसरे धोखाधड़ी के मामले का जिक्र तक नहीं किया था। सोमवार को इस बारे में पूछने पर हरि शंकर दत्ता ने कहा कि अब तक की छानबीन में किसी बैंक कर्मी की संलिप्तता का तनिक भी संदेह नहीं है। जिन चेकों को छानबीन में फर्जी पाया गया है वह देखने में कतई जाली नहीं लगते। यही वजह है कि काफी सतर्कता बरतने के बाद भी बैंक कर्मी उनके जाली होने को पकड़ नहीं सके।  
गया था।

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