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Friday 31 October 2014

वातावरण जहरीला बना रहे स्वर्ण व्यवसासी


जौनपुर। धन बल के सामने कानून भी घुटना टेक देता है। यह मुहावरा इस जनपद में चरितार्थ हो रहा है। कानून का पालन कराने वाले सरकारी तंत्र के जिम्मेदार लोग बेखबर नजर आ रहे है और स्वर्ण व्यवसाय के कारोबारी धड़ल्ले से प्रदूषण को बढ़ावा देते हुए शहर के मध्य प्रदूषण बढ़ाते हुए बीमारियां फैला रहे है। साथ ही कानून का खुला मजाक उड़ा रहे है। जिम्मेदार लोगों का मुंह रिश्वत से बन्द कर मनमाना खेल कर रहे है। शहर के अन्दर घनी आबादी के बीच सोना चांदी आदि धातुओं का गलाने का कारोबार बगैर लाइसेन्स के ही स्वर्ण व्यवसाइयों द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है। जबकि नियम है कि इस कार्य के लिए नगर मजिस्ट्रेट के यहां से लाइसेन्स लेने के पश्चात आबादी से दूर सोना चांदी गलाने का कार्य किया जाना चाहिए परन्तु इस जनपद में इसका अनुपालन नहीं हो रहा है। नियमावली में यह भी है कि जहां पर सोना चांदी गलाया जाय उसके भट्टे की चिमनी 50 मीटर ऊपर होनी चाहिए ताकि जहरीला धुआं ऊपर चला जाय और आस पास के लोगों को प्रभावित न करे लेकिन इसकी भी घोर अनदेखी की जा रही है। महज 10 से 15 फिट की चिमनी बनाकर सोना चांदी गलाने का काम धड़ल्ले से चल रहा है।  जनपद में मात्र 16 स्वर्ण व्यवसायियों के पास सोना चांदी गलाने का लाइसेन्स है। जिसमें पांच लाइसेन्स धारी ऐसे है जिन्होने अपने व्यवसाय का नवीनीकरण ही नहीं कराया है। सात लाइसेन्स धारी वैध है। जनपद के जितने बड़े स्वर्ण व्यवसायी है और प्रतिमाह करोड़ों का व्यवसाय करते है। इनके पास सोना चांदी गलाने का लाइसेन्स नहीं है। इनके द्वारा मराठी और बंगाली लोगों के माध्यम से प्रतिदिन भारी मात्रा में सोना चांदी गलाकर प्रदूषण फैलाने का काम किया जा रहा है। कानून की निगाह में ये बड़े व्यवसायी इससे अलग है परन्तु सत्यता यह है कि इनकी संलिप्तता पर्दे के पीछे से है। बंगाली मराठी इन्ही बड़े स्वर्ण व्यवसायी के कारोबारियों के नौकर है।   शहर के मध्य कोतवाली से लेकर चहारसू, हनुमान घाट कसेरी बाजार आदि क्षेत्रों में  दिन रात सोना चांदी, पीतल, तांबा, आदि गलाने व मिलावट करने का खेल हो रहा है। सोना चांदी गलाने के लिए जहरीला पदार्थ सुहागा एवं तेजाब सहित केडीएम नामक धातु का प्रयोग किया जाता है। इसके जलने से निकलने वाला धुआं काफी जहरीला होता है। जिससे दमा,टीबी, अस्थमा, खांसी, उकवत सहित अन्य चर्मरोग होने की प्रबल संभावना रहती है। इन जहरीले पदार्थो से फैले प्रदूषण के शिकार सबसे अधिक इस कारोबार में लगे श्रमिक ही हो रहे है। आस पास लोग भी इसकी चपेट में आते है। केडीएम  चंादी में मिलाया जाता है। इसके जलने से जो धुंआ निकलता है वह जहरीला होता है और चर्मरोग जैसी बीमारी को जंम देता है। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि जो भी बिना लाइसेन्स इस कारोबार में पाये जायेगें उनके विरूद्ध विधि सम्मत कार्यवाही होगी।  िसूत्र की माने तो इस धन्धे में लगे अवैध कारोबारी मोटी धनराशि इलाके की पुलिस सहित जिम्मेदार अधिकारियों तक पहुंचाते है जिससे वे मूक दर्शक बनकर इन्हे वातावरण प्रर्दूिषत करने व जहर घोलने की छूट दे रहे है।

एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसार

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