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Thursday 30 August 2018

प्रो.अभिराज राजेन्द्र मिश्र की रचना अब पढ़ सकेंगे कक्षा पांचवी के छात्र


प्रो.अभिराज राजेन्द्र मिश्र- वैसे तो यह नाम काफी पुराना है, किन्तु भौगोलिक दूरी और क्षेत्र विशेष ( संस्कृत) तक सीमित होने के कारण कुछ नया सा लगता है. हाँलाकि ‘मुक्तिदूत’ ने काफी समय पहले ही इस नाम से परिचित होने का मौका दिया था, लेकिन सिर्फ छः जनपदों- आगरा, फ़र्रूख़ाबाद, बस्ती, फतेहपुर, गाजीपुर, उन्नाव को. अब बेसिक शिक्षा परिषद, उ.प्र. ने कक्षा-५ के पाठ्यक्रम में प्रो. मिश्र को स्थान दिया है. यह गौरव का विषय है जब प्रो. मिश्र के गाँव द्रोणीपुर के बच्चे अपने ही गाँव के लेखक की रचना पढ़ेंगे.

   प्रो.अभिराज राजेन्द्र मिश्र आधुनिक संस्कृत साहित्य के पर्याय हैं. आपकी द्विशताधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं. पुरस्कारों की तो गिनती ही नहीं है. प्रमुख पुरस्कारों / सम्मानों में राष्ट्रपति सम्मान, विश्वभारती, कल्पवल्ली, साहित्य अकादमी व विविध राज्य पुरस्कार हैं. आपने दो वर्ष तक इण्डोनेशिया के बाली द्वीप स्थित उदयन विश्वविद्यालय में अध्यापन करते हुए रामायण ककविन का देवनागरी लिप्यंतरण व अनुवाद किया. विभिन्न विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में आपकी रचनाएँ शामिल हैं. संस्कृत से जुड़ा कोई दुर्भाग्यशाली ही होगा, जो इस नाम से परिचित न हो. अद्यावधि आपकी सेवा से भारती संतुष्ट नहीं हुयी हैं. जनपद जौनपुर आपके सारस्वत योगदान की कद्र करता है।

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