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Thursday 5 March 2015

प्राकृतिक रंगों से ही खेलें होली, बरतें सावधानी

जौनपुर। महकने वाले इन प्राकृतिक रंगों में रोगों के उपचार की भी क्षमता होती थी और यह हमारी त्वचा और स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे होते थे। गुलाल को त्वचा को कोमल बनाने वाले उसके गुणों के लिए चुना जाता था, जो अन्य विशाक्त रंगों से पूरी तरह अलग होता है। वहीं आज बाजार में मिलने वाले सिंथेटिक रंगों में मिलाए जाने वाले टॉक्सिन और रसायन कई समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इन रंगों में ऑक्सीडाइज्ड मेटल्स या इंडस्ट्रियल डाइज होते हैं जो हमारी सेहत को हानि पहुंचा सकते हैं।
टेक्सटाइल डाइज का इस्तेमाल होता है गुलाल में
रासायनिक रंगों के कारण त्वचा पर जलन की समस्या पैदा हो सकती है और निशान पड़ सकते हैं। इस कारण उसे खुजलाने पर एग्जिमा भी हो सकता है। त्वचा विषेशज्ञों के पास होली के बाद आमतौर पर यह समस्या लिए लोग सबसे अधिक संख्या में आते हैं। सूखी त्वचा के कारण भी ऐसे हानिकारक रसायनों को उसमें पैठ बनाने में ज्यादा आसानी से मौका मिलता है। डॉक्टर अनूप धीर ने बताया कि गुलाल जैसे रंगों में ऑक्साइड, मेटल, ग्लास पार्टिकल्स, पाउडर मिका और यहां तक कि एनेलाइन जैसे ऑर्गेनिक घटक होते हैं, जिन्हें टेक्सटाइल डाइज में इस्तेमाल किया जाता है। हरे रंग में कॉपर सल्फेट, बैंगनी में क्रोमियम और ब्रोमाइड कंपाउंड्स, जबकि काले में लैड ऑक्साइड होता है। इनके अलावा, एनेलाइन भी अक्सर होली रंगों में मिलाया जाता है। चूंकि यह कंपाउंड्स कच्चे इस्तेमाल होते हैं, इस कारण यह ज्यादा खतरनाक हो सकता हैं। टैट्राथिलाइन, लैड, बैन्जीन, एरोमैटिक कंपाउंड्स जैसे घोल के कारण भी ड्राई स्किन की समस्या बढ़ सकती है, जो केवल शुरुआती समस्या के तौर पर ही होती है। एक बार जब आप रंग उतारने के लिए त्वचा को मलते हैं, बैन्जीन केराटिन को स्किन में उतार देता है। कभी-कभार लोग रंग उतारने के लिए नेल पेंट का भी इस्तेमाल करते हैं। नतीजा, ऑर्गेनिक कंपाउंड्स त्वचा में जा बैठते हैं और सीसा व पारा सबसे ज्यादा नुकसानदेह साबित होते हैं, यदि उन्हें ऑर्गेनिक फॉर्म में इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह यदि होली के रंगों को देर तक साफ न किया जाए तो बाल भी खतरे की जद में रहते है और वे भंगुर और बेहद सूखे हो जाते हैं। हालांकि बालों की जड़ों को नुकसान नहीं पहुंचता, परंतु बाल टूटने लगते हैं। ऐसा रंगों में मौजूद रसायन और बाहर मौजूद धूल के कारण होता है।

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