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Sunday 16 November 2014

केंद्र सरकार ने लौटाया रिफ्यूजियों का पैकेज

पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों का मुद्दा

भी शामिल करने को कहा


जम्मू। केंद्र सरकार ने रिफ्यूजियों का एकमुश्त पैकेज लौटा दिया है। रियासत कैबिनेट ने भारी विवाद के बाद एक माह पहले ही पैकेज का प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा था। केंद्र सरकार ने इसे लौटाते हुए कहा है कि इसमें पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को नागरिकता का प्रस्ताव भी शामिल किया जाना चाहिए। पैकेज की वापसी के बाद सियासत गरमा गई है। कांग्रेस इसे चुनावी मुद्दा बनाने की रणनीति बना रही है। पैकेज प्रस्ताव एक बार फिर रियासत के राजस्व विभाग के पास आ गया है। चुनाव के कारण इस पर तत्काल निर्णय संभव नहीं है। नतीजतन मामला फिर से ठंडे बस्ते में डाले जाने की आशंका बढ़ गई है। राजस्व विभाग के सूत्रों के मुताबिक केंद्र ने शर्तों के साथ पैकेज प्रस्ताव लौटाया है। कश्मीर के सियासी दल रिफ्यूजियों को पैकेज देने का विरोध करते रहे हैं। कैबिनेट में यह मुद्दा लंबे समय से लटका था।
जुलाई में कांग्रेस के मंत्रियों उपमुख्यमंत्री ताराचंद, पीएचई मंत्री शाम लाल शर्मा, बागवानी मंत्री रमन भल्ला और सहकारिता मंत्री मनोहर लाल शर्मा ने इस मुद्दे पर कैबिनेट की बैठक का बहिष्कार किया था। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस मंत्रियों को केंद्र के पास प्रस्ताव भेजने का भरोसा दिया था। अक्टूबर में कैबिनेट में नेशनल कांफ्रेंस के मंत्री अली मोहम्मद सागर और पीएचई मंत्री शाम लाल शर्मा में इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हुई थी। बाद में कैबिनेट ने इसे पारित कर केंद्र सरकार के पास भेज दिया था।
पीओके और छंब के रिफ्यूजियों के लिए वित्तीय पैकेज में 9096 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके तहत 36 हजार 384 रिफ्यूजियों को प्रति परिवार 25 लाख रुपये के हिसाब से मुआवजा दिया जाना है। नेशनल कांफ्रेंस के मंत्री सागर ने कहा कि रिपोर्ट के अन्य मामलों को छोड़कर उनमें से सिर्फ एक पर निर्णय नहीं लिया जा सकता है। पीएचई मंत्री शाम लाल का कहना है कि पैकेज के तहत पीओके और छंब के 1965 और 1971 के रिफ्यूजियों को मुआवजा दिया जाना है। केंद्र सरकार ने इसे लटका कर रिफ्यूजियों के हितों के साथ खिलवाड़ किया है। पश्चिमी पाकिस्तानी रिफ्यूजियों को नागरिकता केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है इसलिए बहाना बनाकर प्रस्ताव लौटाना उचित नहीं है। दूसरी ओर रियासत भाजपा के अध्यक्ष जुगल किशोर शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार सभी तरह के रिफ्यूजियों को पैकेज और अधिकार देने पर गंभीर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे में रिफ्यूजियों को पैकेज और कश्मीरी पंडितों का पुनर्वास सबसे ऊपर है।

एक अख़बार जिसमे सिमटा सारा संसा

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