झाम-ताम और भौकाल के आगे नहीं टिके फैसल
जेड हुसैन बाबू
जौनपुर। सियासत में अगर कोई ईमान की बात करे तो ये बड़ी बेईमानी होगी और अगर कोई उसूल की बात करे तो ये भी गले के नीचे नही उतरता। दरअसल ये सब बातें सियासत की पिच पर फिट बैठती नही है। अगर कोई नेता इन सब बातो को फॉलो करता है तो वो राजनीति में क्लीन बोल्ड हो जाता है। सियासतदान तो बस अपना फायदा देखते हैं। बात सदर विधान सभा की करते हैं जहां कांग्रेस ने जमीनी नेता फैसल हसन तबरेज का टिकट काटकर भौकाली और पैराशूट वाले नेता यानी नदीम जावेद को अपना प्रत्याशी बना दिया है। लंबे समय से बेजान पड़ी पार्टी के जिस्म मे रूह फूंकने वाले कार्यकर्ता का एकायक टिकट कट जाने से जिले भर के जमीनी कार्यकर्ताओं का मनोबल डाउन हो गया है। दिल्ली और लखनऊ बैठे पार्टी के बड़े कांग्रेसी नेताओं को शायद भौकाली और झाम ताम वाले नेता ही रास आए इसलिए नदीम जावेद चुनाव मैदान में हैं। सूत्रों से पता चला है कि नाराज फैसल हसन तबरेज लखनऊ भी गए ताकि अपनी नाराजगी पार्टी के बड़े नेताओं से जाहिर करे लेकिन कुछ काम बना नहीं या यूं कहे कि मैनेज कर लिए गए। फिलहाल जिले की राजनीति में अब एक नई बहस शुरू हो गई है कि कांग्रेस जमीनी नेता को तरजीह न देना कहीं इस चुनाव में भारी न पड़ जाए। दिल्ली और मुंबई में रहकर राजनीति करने वाले नेता को कहीं फिर न जनता नकार दे।
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