Monday, 19 October 2015
दलालों के दबाव से दबता जा रहा है जिला चिकित्सालय
जौनपुर। अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला चिकित्सालय में दलालों का दबदबा कायम है। पुरूष चिकित्सालय से लेकर महिला चिकित्सालय के हर विभाग में आपको अलग-अलग चेहरे अपना शिकार खोजते मिलेंगे। जो गांव देहात के ही नहीं शहरी क्षेत्र के मरीजों और उनको परिजनों को मदद करने का सजबाग दिखाकर उनका आर्थिक मानसिक यहां तक कि शारीरिक शोषण तक कर गुजरते हैं। चिकित्सालय के कई विभागों में तो आंतरिक व्यवस्था इन्हीं दलालों के हाथों मेंं है। वहां बिना इनका शिकार बने काम करवाना टेढ़ी खीर होता है। अलग-अलग जगहों पर एक ही व्य ित अलग- अलग भूमिका में दिखता है। कहीं वह विभाग और चिकित्सक विशेष को दिखाने के नाम पर मरीज और उनके परिजानों से नजदिकीयांं बढ़ाता है फिर उन्हें मन चाहें नर्सिंग होम तक पहुंचा देता है। चिकित्सक से मनमाफीक दवाएं लिखवाने की जुगत भिड़ता दिखता है। चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवायें को मन चाहे मेडिकल स्टोर से दिलाकर अपने रोटी लाल कर लेता है। इसकी भूमिका यहीं नहीं समाप्त नहीं होती बल्कि सीरियस मरीजों को एबुलेंस उपलध कराना और महानगरों के नर्सिंग होमों में भेजवाकर लाभ हासिल करना भी इनके काम-काज का हिस्सा है। सुबह चिकित्सालय शुरू होने से पहले से लेकर देर रात तक शिकार खोजने वालों दलाल मरीज और उनके परिजानों के सामान नगद जेवर यहां तक की अस्मिता का अपहरण कर गुजरते हैं। मरीज लेकर आया परेशान हाल थोड़ी देर शोर मचा कर चुप हो जाता है। ऐसा नहीं है कि दलालों में सिर्फ पुरूष ही है कुछ आशा कार्यकात्रियों और उनके महिला रिश्तेदार भी इस चिकित्सालय के पूर्णकालिक दलाल बन गये है। पूर्व जिलाधिकारी सुहास एल वाई ने जब चिकित्सालय प्रशासन पर दबाव बढ़ाया था तक इनकी आदम र त कम हो गई थी। लेकिन अब ए सरे से लेकर पैथालॉजी, आल्ट्रासाउण्ड सेंटर से लेकर इमरजेंसी तक, पूरे आउट डोर लेकर सभी वार्डों में इन दलालों के चिर परिचित चेहरे असानी से पहचाने जाते हैं।
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