जौनपुर। समाजवादी
पार्टी के कद्दावर नेता व कभी मिनी मुख्यमंत्री के रूप में चर्चित काबीना मंत्री
पारसनाथ यादव को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की संस्तुति पर महामहिम राज्यपाल रामनाईक
ने हटा दिया। श्री यादव सन् 2012 के विधानसभा
चुनाव में जीतने के बाद बने मंत्रित्व काल में हर समय चर्चाओं में रहे। लोकसभा
चुनाव 2014 जहां जगह-जगह इनका पुतला
फूंका गया। तो एक आर्केस्टा पार्टी में पुत्र द्वारा गोली चलाने से घायल युवक के
कारण भी इनकी प्रतिष्ठा पर आंच आयी।
इसके बाद नगर में एक बड़े भू-खण्ड पर कब्जा किये जाने पर जनपद ही नहीं अपितु
प्रदेश सरकार और केन्द्र तक इनके
कारनामों का चिट्ठी भेजा गया।
जिससे पूरे जनपद
चर्चा का विषय बना रहा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में चारों तरफ से घिरे मंत्री जी
को अन्तत: दिन भी देखने को मिला। जब हटाये गये मंत्रियों की सूची में नाम शामिल
था। इसकी सूचना आते ही पीडि़तों की आखें चमक गई। तो चन्द लोगों के चेहरे मुरझा
गये। श्री यादव त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से जहां राजनैतिक यात्रा शुरू किया था
वहीं इसी चुनाव में उनको हटाये जाने का दिन भी देखना पड़ा। बीच में कई बार विधायक
व मंत्री पद से सुशेभित करते हुये देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा का दो बार
प्रतिनीधित्व किया। सन् 1984 से पहली बार
बरसठी से विधायक चुने गये तो दूसरी बार सन् 1989 विधान सभा के आम चुनाव में जीतकर माध्यमिक शिक्षा
राज्यमंत्री बनाये गये।जीत और हार का
मजा लेते हुए सत्ता न रहने पर जिलाध्यक्ष के रूप में ताकतवर नेता के रूप में
चर्चित रहे।
