14 अक्टूबर को खुली रहेंगी दवा की दुकाने
जौनपुर। आगामी 14 अक्टूबर को जनपद में मेडिकल स्टोर खुले रहेंगे
कपितय संगठनों द्वारा बुधवार को हड़ताल की घोषणा निजी स्वार्थों के लिए लिये है यह
कहना है केमिस्ट एण्ड कास्मेटिक वेलफेयर एसोसिएशन के संरक्षक वरिष्ठï व्यापारी नेता इन्दु प्रकाश सिंह (इन्दु) यह
बाते उन्होने नगर के ओलन्दगंज स्थित होटल के सभागार में कही। ïप्रदेश मे ई-फार्मेसी पर पहले से ही रोक है।
इसलिए प्रदेश में बंदी का कोई औचित्य ही नही है। उन्होने कहा कि केमिस्ट एण्ड
कास्मेटिक वेलफेयर एसोसिएशन दवा व्यवसायियों के हित में काम करने वाली जनपद की
अग्रणी संस्था है। जो ए. आई. सी. डी.एफ से सम्बद्घ है और दवा व्यापारियो की हितों
की रक्षा व उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सही मायने में संघर्ष कर रही है।
जब की दवा
व्यापारियो के हित में कथित रूप से काम करने वाली एक संस्था 14 अक्टूबर को दवा व्यवसाय बन्द कराने के प्रयास
में है। उनकी यह बन्दी ई-फार्मेसी दवाओं की आन लाइन बिक्री को रोकने के लिए है न
कि दवा के फुटकर व्यवसाय में फार्मासिस्ट की अनिवार्यता के विरोध में। इनके अखिल
भारतीय संगठन द्वारा जो बंदी का प्रस्ताव पारित किया गया वह केवल इै-फार्मेसी को
लेकर है। ई-फार्मेसी से दवा के बड़े व्यापारियों को नुकसान पहुचा रहा है। यह संगठन
बड़े व्यापारियों तथा कम्पनियों के हाथो की कठपुतली है। इस समय दवा व्यापारियों की
सबसे बड़ी समस्या फार्मासिस्ट है। बन्दी में छोटे व्यापारियों का समर्थन हासिल
करने के लिए स्थानीय स्तर पर फार्मासिस्ट का मुद्दा जोड़ दिया गया है जिससे इनकी
बन्दी सफल हो सके। ज्यादातर व्यापारी संस्था की चालाकी को समझ गये है और वे बंदी
को अपना समर्थन नहीं दे रहे हैं।
उन्होने जोर देकर कहा कि इस समय दवा व्यवसाय के
लिए फार्मासिस्ट की अनिवार्यता सबसे बड़ी समस्या है। जिसकी लड़ाई हमारा संगठन इसके
लिए मजबूती से लड़ाई लड़ रहा है। प्रदेश संगठन द्वारा गत दिनो प्रमुख सचिव से
मिलकर इस सम्बन्ध में वार्ता किया था।
प्रमुख सचिव ने अपनी रिपोर्ट लगाकर केन्द्र सरकार के पास प्रेषित कर दी है। प्रधानमंत्री
के संसदीय कार्यालय के माध्यम से यह मामला पी.एम.ओ. तक पहुंच गया है। शीघ्र ही इस
मसले का हल निकल जाने की उम्मीद है। उन्होने बन्द के विरोध के लिए ऐसे समय के
चुनाव पर सवाल खड़े किये। उन्होने कहा इस समय पूरे देश में संक्रामक बीमारी फैली
है। प्रदेश मे पंचायत चुनाव भी चल रहा है। दवा की दुकाने बन्द होने से मरीजो को
बड़ी परेशानी होगी। हमारे संगठन ने व्यापार के साथ मानवीय मूल्यों को भी
प्राथमिकता दी है। दवा व्यवसाइयों के हितो की रक्षा के लिए संघर्ष करने के साथ
जनता के हितो का भी ध्यान रखा है इसलिए जनता के हित में मरीजो के हित में अपनी
दुकाने खुली रखेंगे।
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