- दूसरे दिन भी बहा खून, दर्जनों घायल
खुटहन। स्थानीय थाना क्षेत्र का उसरौली गांव दूसरे दिन भी युद्घ का मैदान बना रहा है। एक लंबे समय के बाद जनपद के इस सीमावर्ती गांव के पक्ष में आई लगभग दो एकड़ जमीन का कब्जा अब विवाद का कारण बन गया। शुक्रवार को दूसरे दिन जब उसरौली निवासी ब्राह्मïण वर्ग के लोग गांव हक में आई दो एकड़ जमीन पर कब्जा करने पहुंचे तो गांव के यादव वर्ग के ग्रामीणों ने विरोध जताया। विवाद बढ़ा तो फिर लाठियां चटकी औैर दोनों पक्ष से दर्जनों लोग घायल हो गये। गंभीर रूप से घायल सभानन्द यादव, गणेश सोनू, मोनू, प्रेमनारायण और विरेन्द्र को बेहतर उपचार के लिये पुरूष चिकित्सालय शाहगंज रेफर कर दिया। जबकि बद्री नारायण, ईशनारायण, अजय, विनय, जयप्रकाश, मेवाती देवी, शैलेष, पप्पू आदि का प्राथमिक उपचार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खुटहन पर किया गया। मारपीट के बाद क्षेत्र में तनाव व्याप्त है।- दूसरे दिन भी बहा खून, दर्जनों घायल
गौरतलब हो कि उसरौली शहाबुद्दीनपुर का जनपदीय सीमांकन को लेकर विवाद और गहराता जा रहा है। दो जिलों के समक्ष अधिकारियों द्वारा सीमांकन कराए जाने के बाद गुरुवार को कब्जा जमाने पहुंचे दसगरपारा गांव के लोगों पर दूसरे पक्ष ने जमकर ईंट-पत्थर बरसाए गये। बाद में दोनों जिलों के आधा दर्जन से अधिक थाना की पुलिस मौके पर पहुंची तब जाकर बवाल टला था। एहतियातन मौके पर एक प्लाटून पीएसी तैनात कर दी गई है। जौनपुर के उसरौली शहाबुद्दीनपुर और सुल्तानपुर जनपद के दसगरपारा गांव की भूमि का बीते 11 दिसंबर को तहसीलदार शाहगंज और कादीपुर के तहसीलदार की मौजूदगी में सीमांकन किया गया था।
गुरुवार को उसरौली गांव के संगम पांडेय, लालमनि, सुबाष चंद्र, ङ्क्षचतामणि, मुन्ना सहित काफी संख्या में ग्रामीणों ने उक्त सीमांकन के आधार पर भूमि पर कब्जा करना शुरू किया। सीमा पर दीवार और छप्पर रख रहे थे कि सुल्तानपुर जिले के दसगरपारा गांव के ग्रामीण विरोध शुरू कर दिए।
थोड़ी देर में सैकड़ों की भीड़ जुट गई। एक पक्ष छप्पर हटाने पर अड़ा था, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया। बाद में पत्थरबाजी होने लगी। संयोग अच्छा था कि कोई घायल नहीं हुआ। स्थिति की गंभीरता को देख एएसपी सुल्तानपुर कमलेश दीक्षित, एसडीएम कादीपुर राम अभिलास यादव, सीओ राकेश कुमार ङ्क्षसह, कोतवाल एके ङ्क्षसह, थानाध्यक्ष मोतिगरपुर, करौंदी, अखंडनगर, बांदा, दोसपुर और जौनपुर की खुटहन, सरपतहां की पुलिस मौके पर पहुंच गई। तब जाकर मामला शांत हुआ था।
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