- मौनी अमावस्या पर जलाशयों पर उमड़ा श्रद्घालुओं का रेला
जौनपुर। स्नान, ध्यान व दान का पर्व मौनी अमावस्या जनपद में मंगलवार को श्रद्घा और विश्वास के साथ मनाया गया। कड़ाके की ठंड के बावजूद नगर के बीचोबीच बहने वाली परम पावनी आदि गंगा गोमती में स्नान के लिए श्रद्घालुओं का रेला उमड़ पड़ा। नगर के विभिन्न घाटो, सूरज घाट, हनुमान घाट आदि पर श्रद्घालुओं ने स्नान कर पूजन अर्चन कर दान किया और अपने व परिवार के मंगल की कामना की।- मौनी अमावस्या पर जलाशयों पर उमड़ा श्रद्घालुओं का रेला
माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन मौन रहना चाहिए। मुनि शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। इसलिए इस व्रत को मौन धारण करके समापन करने वाले को मुनि पद की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन रहकर यमुना या गंगा स्नान करना चाहिए। यदि यह अमावस्या सोमवार के दिन हो तो इसका महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है। माघ मास के स्नान का सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण पर्व अमावस्या ही है। माघ मास की अमावस्या और पूर्णिमा दोनों ही तिथियां पर्व हैं। इन दिनों में पृथ्वी के किसी-न-किसी भाग में सूर्य या चंद्रमा को ग्रहण हो सकता है। ऐसा विचार कर धर्मज्ञ-मनुष्य प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा को स्नान दानादि पुण्य कर्म किया करते हैं।
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