- पहले चरण में सूबे के 403 ब्लॉकों से चुनी जाएंगी 10-10 पंचायतें
- तकनीकी सहायक, इंजीनियर पाएंगे 10-10 हजार वाला मोबाइल
- ये काम करेगा मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम
- चयनित गांवों में 2015-16 के पहले दिन से समस्त कार्यों की फोटोग्राफी
- रोजगार दिवस पर श्रमिकों द्वारा काम की मांग दर्ज की जाएगी
- श्रमिकों को काम का आवंटन होगा
- मस्टर रोल भरने की कार्यवाही
- वर्क प्लेस पर ग्राम रोजगार सेवक ही हाजिरी
- तकनीकी सहायक जीएसएम के जरिए श्रमिकों के कार्य क्षेत्र का नापजोख (इलेक्ट्रानिक मीजरमेंट) करेगा
- जूनियर इंजीनियर जीएसएम के जरिए तकनीकी सहायक द्वारा की गई माप की जांच करेगा
जौनपुर। नए वित्त वर्ष के पहले दिन से मनरेगा मोबाइल पर होगी। मनरेगा में मजदूरों के काम की मांग दर्ज करने, काम आवंटित करने, मस्टर रोल भरने, कार्यस्थल पर रोजगार सेवक की हाजिरी व काम की फोटोग्राफी व जांच जैसे सभी काम मोबाइल से ऑन-स्पाट होंगे। केंद्र ने इसके लिए 'मनरेगा-मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम (एमओएस) शुरू करने का फैसला किया है। पहले चरण में प्रदेश के 403 पिछड़े ब्लाकों की 10-10 ग्राम पंचायतों का चयन किया जाएगा।- ये काम करेगा मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम
- चयनित गांवों में 2015-16 के पहले दिन से समस्त कार्यों की फोटोग्राफी
- रोजगार दिवस पर श्रमिकों द्वारा काम की मांग दर्ज की जाएगी
- श्रमिकों को काम का आवंटन होगा
- मस्टर रोल भरने की कार्यवाही
- वर्क प्लेस पर ग्राम रोजगार सेवक ही हाजिरी
- तकनीकी सहायक जीएसएम के जरिए श्रमिकों के कार्य क्षेत्र का नापजोख (इलेक्ट्रानिक मीजरमेंट) करेगा
- जूनियर इंजीनियर जीएसएम के जरिए तकनीकी सहायक द्वारा की गई माप की जांच करेगा
ग्राम्य विकास विभाग ने इस पर कार्यवाही शुरू कर दी है। केंद्र ने मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम की जो पहल की है वह कई खूबियों से लैस होगी। ग्राम्य विकास विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि वैसे तो चरणबद्ध तरीके से सभी ग्राम पंचायतों को इस सिस्टम लाने का प्रस्ताव है लेकिन पहले चरण में विकास की दृष्टि से पिछड़े देश के 2500 ब्लॉकों को इसके लिए चुना गया है।
इन ब्लॉकों की 10-10 ग्राम पंचायतों का चयन किया जाना है। प्रदेश में इस श्रेणी के 403 विकास खंड हैं। वहां की चुनी गई पंचायतें इस प्रयोग से सबसे पहले रूबरू होंगी। इसके अंतर्गत चयनित ग्राम पंचायतों के समस्त तकनीकी सहायकों और मनरेगा से जुड़े इंजीनियरों को मोबाइल (टैबलेट पीसी) दी जाएगी। ये मोबाइल ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल कम्युनिकेशन (जीएसएम) और जनरल पैकेज रेडियो सर्विसेज (जीपीआरएस) की सुविधा से तो लैस होंगी ही नरेगासॉफ्ट के केंद्रीय सर्वर से भी लिंक होंगे। अधिकारी ने बताया कि यह सिस्टम पारदर्शिता के लिहाज से बेहद कारगर साबित हो सकता है। इससे सरकार को मनरेगा से जुड़ी संपूर्ण गतिविधि की लाइव एक्टिविटी और रियल टाइम डेटा उपलब्ध हो सकेगा। केंद्र ने 10 हजार रुपये प्रति मोबाइल का बजट देने की बात कही है। चयनित गांवों की सूची 31 जनवरी तक मांगी गई है।
प्रदेश खरीदेगा मोबाइल: केंद्र ने प्रदेश सरकार को मोबाइल खरीदने की कार्यवाही शुरू करने का निर्देश भी दे दिया है। इसके लिए मोबाइल का स्पेशीफिकेशन भी भेज दिया गया है। अधिकारी के अनुसार केंद्र ने मोबाइल खरीदने के लिए बजट जल्दी जारी करने की बात कही है। यह व्यवस्था आगामी एक अप्रैल से लागू होनी है। यह पत्र एक दिन पहले ही मिला है। तय समय में कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी।
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