- श्रम कानून की धज्जियां उड़ाते देखे गये ठेकेदार
जौनपुर। किसी ने सच ही कहा है कि गरीबी बुरी बलाय होती है। वरना पढऩे लिखने की उम्र में इस ठंडी में हाथ में फरसा व सर पर गिट्ïियों से भरी टोकरी न होती।जी हां, हम बात कर रहे हैं कि बाल श्रम कानून की। जिसका शायद में जनपद में पालन होते नहीं दिखाई दे रहा है। ज्ञातव्य हो कि जिलाधिकारी सुहास एलवाई के नेतृत्व में शहर के सुन्दरीकरण का कार्य जहां तेजी से चल रहा है वहीं नगर के पालिटेक्निक चौराहे से लेकर नईगंज तक सड़क चौड़ीकरण के कार्य में सुबह से ही पांच साल के बच्चे अपने सरों पर गिट्ïटी से भरी टोकरियां सर पर रखकर काम करते देखे गये। हाड़ कंपा देने वाले भीषड़ ठंड में जहां नन्हें मुन्ने बच्चों का ख्याल रखते हुए डीएम द्वारा सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय को बंद करने का निर्देश जारी होता है। वहीं दूसरी तरफ गरीबी के मारे इन छोटे बच्चों का कोई मददगार नजर नहीं आता है। ठेकेदारों द्वारा सुन्दरीकरण के कार्य में नन्हें मुन्ने बच्चों को लगाया गया है। एक तरफ शासन-प्रशासन द्वारा बाल श्रम कानून का कड़ाई से पालन करने की बात कही जाती है वहीं दूसरी तरफ आए दिन छोटे छोटे बच्चों को होटलों, ईट भट्ïठे आदि स्थानों पर काम करते हुए आसानी से देखा जा सकता है। पढऩे लिखने की उम्र में गरीबी के मारे इन बदनसीबों के किस्मत में शायद कापी किताब की जगह फरसे और फावड़े ही चलाना लिखा है।
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