जिला अस्पताल में पहली बार हुई प्लास्टिक सर्जरी
जौनपुर। जिला चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सकों ने अस्पताल में एक नया काम शुरू कर उस पर भारी सफलता हासिल कर लिया है। इस अस्पताल में एक मरीज के सड़े हुए मांश को काटकर प्लास्टिक की सर्जरी की गयी। बताया जाता है कि सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के कुत्तूपुर गांव निवासी 60 वर्षीय वृद्घ मजनू रैदास की लगभग एक माह पूर्व पैर में अचानक सडऩ पैदा होने के कारण वह चलने में असमर्थ हो गया। परिजन द्वारा उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। भर्ती के दौरान गरीब होने के नाते उसके इलाज में तरह-तरह की रूकावटें आने लगी। यह बात जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. भाष्कर राय को जब पता चली तो वह स्वं मरीज की देखभाल में जुट गये। जिस समय यह मरीज भर्ती हुआ था उस समय उसके शरीर में मात्र पांच प्रतिशत खून था। चिकित्साधीक्षक द्वारा उसे नि: शुल्क पांच पाउच खून चढ़ाया गया। उक्त मरीज को सही करने के लिये अस्पताल प्रशासन ने कमर कस लिया। नयी तकनीक से इलाज करने का प्रशिक्षण व शिक्षा प्राप्त कर आये चिकित्सक डा. सैफ हुसैन खां व वरिष्ठï सर्जन डा. सतीश सिंह द्वारा मजनू का आपरेशन कर उसके पैर के सड़े हुए मांश को निकाला गया। इस आपरेशन में वरिष्ठï आर्थो सर्जन डा. आरके जायसवाल भी बराबर अपना योगदान दे रहे थे। डाक्टरों की टीम ने उसके पैर में प्लास्टिक सर्जरी किया जिससे उसका पैर अब पूरी तरह ठीक हो चुका है। चिकित्सकों के प्रयास से जिला अस्पताल में यह प्लास्टिक सर्जरी का पहला आपरेशन किया गया है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक अस्पताल की इस बड़ी सफलता पर बेहद खुश नजर आ रहे हैं।
जौनपुर। जिला चिकित्सालय में कार्यरत चिकित्सकों ने अस्पताल में एक नया काम शुरू कर उस पर भारी सफलता हासिल कर लिया है। इस अस्पताल में एक मरीज के सड़े हुए मांश को काटकर प्लास्टिक की सर्जरी की गयी। बताया जाता है कि सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के कुत्तूपुर गांव निवासी 60 वर्षीय वृद्घ मजनू रैदास की लगभग एक माह पूर्व पैर में अचानक सडऩ पैदा होने के कारण वह चलने में असमर्थ हो गया। परिजन द्वारा उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। भर्ती के दौरान गरीब होने के नाते उसके इलाज में तरह-तरह की रूकावटें आने लगी। यह बात जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. भाष्कर राय को जब पता चली तो वह स्वं मरीज की देखभाल में जुट गये। जिस समय यह मरीज भर्ती हुआ था उस समय उसके शरीर में मात्र पांच प्रतिशत खून था। चिकित्साधीक्षक द्वारा उसे नि: शुल्क पांच पाउच खून चढ़ाया गया। उक्त मरीज को सही करने के लिये अस्पताल प्रशासन ने कमर कस लिया। नयी तकनीक से इलाज करने का प्रशिक्षण व शिक्षा प्राप्त कर आये चिकित्सक डा. सैफ हुसैन खां व वरिष्ठï सर्जन डा. सतीश सिंह द्वारा मजनू का आपरेशन कर उसके पैर के सड़े हुए मांश को निकाला गया। इस आपरेशन में वरिष्ठï आर्थो सर्जन डा. आरके जायसवाल भी बराबर अपना योगदान दे रहे थे। डाक्टरों की टीम ने उसके पैर में प्लास्टिक सर्जरी किया जिससे उसका पैर अब पूरी तरह ठीक हो चुका है। चिकित्सकों के प्रयास से जिला अस्पताल में यह प्लास्टिक सर्जरी का पहला आपरेशन किया गया है। जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक अस्पताल की इस बड़ी सफलता पर बेहद खुश नजर आ रहे हैं।
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